जैव प्रक्रियाएं // Life Processes (Part-02) पौधों में पोषण

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 पौधों में पोषण (Nutrition in Plants)


 सभी जीवधारियों की तरह हरे पेड़ पौधों को भी अपनी उपापचयी क्रियाओं को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। जंतु तो भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर आ जा सकते हैं, परंतु पौधे एक ही स्थान पर स्थिर रहते हैं और अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। पौधे स्वपोषी होते हैं, ये प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। 






वह प्रक्रिया जिसके द्वारा हरे पेड़ पौधे क्लोरोफिल की सहायता से सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में कार्बनडाई ऑक्साइड तथा जल की सहायता से अपना भोजन बनाते हैं , प्रकाश संश्लेषण कहलाती है। इस प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन गैस मुक्त होती है। 


6CO2 + 6H2O = C6H12O6 + 6O2


प्रकाश संश्लेषण हेतु कार्बनडाई ऑक्साइड गैस पत्तियों में उपस्थित सूक्ष्म रंध्र स्टोमेटा के द्वारा पत्तियों के अंदर प्रवेश करती है। जल भूमि से जड़ों के द्वारा अवशोषित किया जाता है। सूर्य का प्रकाश आवश्यक रासायनिक ऊर्जा प्रदान करता है। और क्लोरोफिल पत्तियों में भोजन निर्माण का स्थल है। 

पत्तियों द्वारा बनाया गया भोजन सरल शर्करा ग्लूकोज के रूप में बनता है। ऊर्जा हेतु प्रयोग करने के पश्चात जितना ग्लूकोज बच जाता है वह स्टार्च के रूप में पौधे के विभिन्न भागों में संचित हो जाता है। 


प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में निम्नलिखित तीन चरण हैं- 

1- क्लोरोफिल द्वारा सूर्य के प्रकाश की ऊर्जा का अवशोषण।

2- प्रकाश ऊर्जा का रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तन, तथा जल के अणु का हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन में विघटन।

3- हाइड्रोजन द्वारा कार्बनडाई ऑक्साइड के अपचयन के द्वारा कार्बोहाइड्रेट जैसे ग्लूकोज़ का बनना। 



प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक परिस्थितियां 

          प्रकाश संश्लेषण हेतु निम्नलिखित परिस्थितियों की आवश्यकता होती है- 

1- सूर्य का प्रकाश या धूप

2- क्लोरोफिल

3- कार्बन डाइऑक्साइड

4- जल

यही सब आवश्यक परिस्थितियां स्वपोषी पोषण के लिए भी होती हैं। 






प्रकाश संश्लेषण के लिए कच्चे माल


प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया हेतु मुख्य रूप से दो पदार्थों की आवश्यकता होती है, 

1- कार्बन डाइऑक्साइड

2- जल


1- किस प्रकार पौधे कार्बन डाइऑक्साइड प्राप्त करते हैं- 

            पौधों की पत्तियों की सतह पर स्टोमेटा नामक सूक्ष्म रंध्र या छिद्र होते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड गैस इन्हीं छिद्रों के द्वारा पत्तियों में प्रवेश करती है। छिद्रों का खुलना और बन्द होना गार्ड कोशिकाओं द्वारा नियंत्रित होता है। जब गार्ड कोशिकाओं में जल की मात्रा बढ़ती है तो छिद्र खुल जाते हैं, तथा गैस अंदर प्रवेश करती है। तथा जब गार्ड कोशिकाओं में जल की मात्रा कम हो जाती है तो द्वार बंद हो जाता है। 


2- किस प्रकार पौधे जल प्राप्त करते हैं - 

             जल भूमि से जड़ों के द्वारा अवशोषित किया जाता है, जो परासरण की क्रिया द्वारा जाइलम से होता हुआ पत्तियों के हरे भाग तक पहुंचता है। इसके अलावा नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, मैग्नेशियम, आयरन आदि तत्व भी भूमि से जड़ों द्वारा पानी के साथ अवशोषित किये जाते हैं। 




प्रकाश संश्लेषण का स्थान- 


प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया पौधों के पत्तियों में उपस्थित पर्णहरिम ,जिसे क्लोरोफिल (chlorophyll) भी कहा जाता है, में सम्पन्न होती है। क्लोरोफिल पत्तियों के हरे भाग में उपस्थित एक हरित लवक है। इसका कार्य पौधे को भोजन बनाने हेतु आवश्यक स्थान उपलब्ध कराना है।







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